नई पुस्तकें >> जमीर का कैदी जमीर का कैदीसुरेन्द्र मोहन पाठक
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प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
विमल के बिछुड़े दोस्त जगमोहन ने विमल से मदद की गुहार लगाई थी और साथ ही अंदेशा भी जाहिर किया था कि ‘खाक हो जाएँगे हम तुझको खबर होने तक’। क्या विमल ‘खाक’ हो जाने से पहले जगमोहन की मदद को पहुँच पाया ?
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